रेलगाड़ियों को शुरू करने में रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव की हरी झंडी का रहेगा इंतजार

रेलगाड़ियों को शुरू करने में रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव की हरी झंडी का रहेगा इंतजार
पिछड़े सरहदी इलाकों को रेलमंत्रालय से जगी उम्मीदें

राजू चारण

बाड़मेर ।। मरूस्थलीय मारवाड़ जोधपुर की शान मोदी सरकार के दूसरे मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान बनाएं गए नये रेलमंत्री ओर राजनितिज्ञ, पूर्व भारतीय प्रशासनिक अधिकारी अश्विनी वैष्णव द्वारा विधुत व्यवस्थाओं से लैस होकर देशभर में रेलगाड़ियों का संचालन बेहतर तरीके से किया जाता है लेकिन हमारे बाड़मेर जिले से केन्द्र सरकार के रेलमंत्रालय में कमजोर पैरवी के कारण ही ब्रॉडगेज पटरियां होने के बावजूद भी भारत पाकिस्तान सरहद की आखिरी छोर पर बसे हुए मुनाबाव रेल्वे स्टेशन ओर जिला मुख्यालय बाड़मेर से वाया समदड़ी -भीलड़ी रेल खंड सहित देशभर के अन्य राज्यों के लिए, उत्तर भारत व दक्षिण भारत को जोड़ने के लिए एक भी लम्बी दूरी की रेलगाड़ियों की सुविधाएं उपलब्ध नहीं है यह मार्ग गुजरात और राजस्थान को जोड़ने वाला नज़दीकी रेल मार्ग है। लेकिन एक भी सीधी रेलगाड़ी इस खंड से अमृतसर – चक्की बैंक, चेन्नई, जयपुर, दिल्ली, गोरखपुर, रामेश्वरम, हैदराबाद, तिरुपति बालाजी, विजयवाड़ा, त्रिवेंद्रम, कन्याकुमारी, राजकोट, गांधीधाम आदि देश के महानगरों के लिए नही है जिससे इस खंड के बाड़मेर, जालोर, मोदरान, मारवाड़ भीनमाल, सांचोर, धनेरा, बनासकांठा, पाटन सहित अन्य राज्यों में बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र सहित जोधपुर सम्भाग के लाखों प्रवासियों को बहुत ज्यादा परेशानी उठानी पड़ रही है लेकिन रेल्वे विभाग के द्वारा एक भी सीधी रेलगाड़ी की सुविधाएं इस खंड के यात्रियों को नही मिल रही है।

राजस्थान सहित देश भर के सांसदों व सैकड़ों यात्री संघठनो के द्वारा बार बार बाड़मेर मुम्बई प्रतिदिन रेलगाड़ियों व बाड़मेर से चेन्नई , कन्याकुमारी के लिए सीधी रेलगाड़ी शुरू करवाने के लिए पिछले कई दशकों से मांग कर रहे हैं लेकिन बार बार उस प्रस्तावों पर अधिकारियों और राजनीतिक आकाओं की आपसी असहमति नही होने के कारण सारे प्रस्ताव ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। किसी जानकार सूत्रों ने बताया कि राजस्थान के सांसदों की रेलमंत्रालय में चलती तो फिर बाड़मेर जिले से एक दर्जन से ज्यादा रेलगाड़ियां धड़ल्ले से पटरियों पर दौड़ती हुई नजर आती लेकिन आजकल बाड़मेर जिले की जनता जनार्दन की मन की बात वाली आवाज को सुनता ही कौन है।

पिछले कई वर्षों में उत्तर पश्चिम रेल्वे अधिकारियों द्वारा इस रेलमार्ग पर उत्तर भारत व दक्षिण भारत के लिए नई रेलगाड़ियों के चलाने का प्रस्ताव बना जरूर था लेकिन वेस्टर्न रेल्वे के अधिकारियों और कर्मचारियों की मनमानी के कारण सभी प्रस्ताव हमेशा की तरह खारिज़ हो गए।

उत्तर पश्चिमी रेल्वे के बाड़मेर समदड़ी-जालोर-भीलड़ी रेलमार्ग से गुजरात को जोड़ने के लिए कई प्रस्ताव पिछले एक दशक में रेलवे बोर्ड को भेजे गए थे लेकिन उन सभी प्रस्तावों पर वेस्टर्न रेल्वे अधिकारियों की मनमानी के कारण एक भी प्रस्ताव फाइनल नही हुआ समदड़ी भीलड़ी रेलखंड से पिछले पांच सालों में निम्न प्रस्ताव बनाकर भेजें थे।

1. बाड़मेर मुंबई प्रतिदिन नई ट्रेन शुरू करवाने का वादा 2019 के लोकसभा चुनावों के पहले देश के मौजूदा गृह मंत्री अमित शाह ने बाड़मेर की चुनावी चौपाल में घोषणा की थी लेकिन अभी तक दो तीन साल होने को आया हैं लेकिन ट्रैन का संचालन अभी तक धरातल पर नही हुआ है।

2. सालासर एक्सप्रेस का विस्तार ट्रैन संख्या 22483/84 जोधपुर ग़ांधी धाम के साथ मर्ज करके ग़ांधीधाम से दिल्ली प्रितिदिन चलाने का प्रस्ताव IRCTTC 2016 से 2020 मीटिंग में प्रत्येक साल लगातार पांच साल तक प्रस्ताव बनाकर रेलवे बोर्ड को उत्तर पंचिम रेलवे के दारा भेजा गया था लेकिन वेस्टर्न रेलवे की आनाकानी के कारण यह प्रस्ताव अभी तक पेंडिंग पड़ा है।

3 ट्रैन संख्या 12655/56या 22919/20 व 19419/20 चेन्नई अहमदाबाद इन तीनो ट्रैन में से एक ट्रेन का विस्तार बाड़मेर तक करने की मांग कई बार हो चुकी है लेकिन कोई भी सुनवाई नही हुआ।

जोधपुर दिल्ली मंडोर एक्सप्रेस,पुरी गंगासागर, मन्नार गुडी चेन्नई एक्सप्रेस, जोधपुर,भगत की कोठी से लगभग बीस घंटे तक लाई ओवर रहने वाली ,शालिमार एक्सप्रेस नियमित, बाड़मेर रेल्वे स्टेशन पर पटरियों पर दौड़ने के लिए इंतजार करतीं बाड़मेर हावड़ा ब्रिज वाया आनन्द विहार मुम्बई बांद्रा टर्मिनल के लिए, बाड़मेर यशवंतपुर बैंगलोर को गांधीधाम, राजकोट, अमृतसर – चक्की बैंक,
बाड़मेर से गुवाहाटी को सूरत,वापी या जोधपुर, फलोदी, लालगढ़, भटिंडा,फिरोजपुर केंट,आगरा फोर्ट वाया अजमेर, जयपुर तक विस्तार करने की जरूरत है।

देशभर में लगभग सभी जोन व मंडलों में नई ट्रेन, ट्रेनो का विस्तार हो रहा है लेकिन बाड़मेर राजस्थान के जोधपुर मंडल के समदड़ी भीलड़ी तीन सौ किलोमीटर दूरी के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे के द्वारा कई प्रस्ताव बनाकर रेलवे बोर्ड को भेजे गए लेकिन उन सभी प्रस्तावों को वेस्टर्न रेल्वे अधिकारियों द्वारा बार बार खारिज़ करवा दिए और अपने जोन की ट्रेनो का लगातार विस्तार करवा रहे हैं। दूसरे ज़ोन की रेलगाड़ियों के ऊपर रिमार्क डालकर सभी प्रस्तावों को खारिज़ करवा रहा है लेकिन वेस्टर्न रेल्वे अधिकारियों की इस नीति के कारण समदड़ी भीलड़ी रेलखंड के लाखों यात्रियों के साथ ही सरहदी इलाकों की चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्थाओं को सम्हालने वाली भारतीय सेना के जवानों को आवागमन करने के दौरान बहुत भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

रेल्वे संघर्ष समिति के हरी सिंह राठौड़ ने बताया कि बाड़मेर-समदड़ी-भीलड़ी रेलमार्ग पर उत्तर पश्चिमी रेल्वे अधिकारियों के द्वारा पिछले दस सालों में एक दर्जन से ज्यादा नई ट्रेनो के संचालन के प्रस्ताव उत्तर पश्चिमी रेल्वे के द्वारा रेल्वे बोर्ड को भेजे गए थे लेकिन उन सभी प्रस्ताव पर वेस्टर्न रेल्वे अधिकारियों की मनमानी के कारण सभी प्रस्ताव हमेशा की तरह खारिज़ हो गए।

बाड़मेर जिला मुख्यालय पर रेलगाड़ियों लाओ समिति के गणपत मालू ने बताया कि 2019 लोकसभा चुनावो के समय देश के मौजूदा गृह मंत्री अमित शाह ने बाड़मेर की जनता-जनार्दन की परेशानी को देखते हुए बाड़मेर मुंबई प्रतिदिन ट्रैन की सुविधा लोकसभा चुनाव से पहले चलाने का वादा किया था लेकिन आज दो तीन साल होने को आया है लेकिन देश के गृह मंत्री का वादा भी भाजपा की सरकार में पूरा नहीं हुआ तो फिर आम आदमी की आवाज कौन सुनेगा।

मौजूदा गृह मंत्री अमित शाह ने बाड़मेर मुंबई प्रतिदिन रेलगाड़ी चलाने का वादा किया था उस पर उत्तर पश्चिम रेल्वे अधिकारियों ने प्रस्ताव बनाकर रेल्वे बोर्ड को भेजा था लेकिन उस प्रस्ताव पर भी पश्चिम रेल्वे की और से असहमति के कारण वह प्रस्ताव भी निरस्त हो गया। बाड़मेर जिले से लम्बी दूरी की रेलगाड़ियों को शुरू करने के प्रस्ताव बनाकर रेल्वे बोर्ड को भेजा जा रहा है लेकिन वेस्टर्न रेल्वे की मनमानी के कारण सभी प्रस्ताव निरस्त हो रहे हैं एवं नई ट्रेनों का टाइम टेबल सेट नहीं हो रहा है जिसके कारण इस रेलखंड के लाखों यात्रियों को बहुत ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ।

मौजूदा समय में देश के गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा बाड़मेर से मुंबई ट्रेन ट्रेन से आने का वादा किया था लेकिन वह भी अभी तक धरातल पर नहीं आया है तो फिर बाड़मेर जिले का बेड़ा ग़र्क नहीं होगा तो फिर क्या कहना।

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