बाड़मेर : बाढ़ से बचाव करने में हमारे अधिकारी कितने सक्षम होंगे …. ?
राजू चारण
बाड़मेर ॥ राज्य के मुखिया अशोक गहलोत आमजन को राहत देने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं लेकिन अधिकांश अधिकारियों और कर्मचारियों की लेट लतीफी के कारण ही आमजन को राहत त्वरित नहीं मिलता है, आजकल राज्य में जगह जगह पर इन्द्र राजा अपना रूद्र रूप दिखा रहे हैं, इसलिए बाड़मेर जिले में भी इस तरह की बारिश आने पर जिला प्रशासन के अधिकारियों और कर्मचारियों को मुस्तैद रहकर आमजन को राहत कैसे मिलेगी इस सम्बन्ध में ज्यादा सजगता से काम करना चाहिए।
मुखिया अशोक गहलोत ने एक बयान में कहा है कि कोटा, बारां, बूंदी एवं झालावाड़ के कुछ इलाकों में भारी बारिश से बाढ़ के हालात बन गए हैं। जिला प्रशासनिक अधिकारियों को तत्काल राहत एवं बचाव कार्यों के संबंध में निर्देश दे दिए हैं।
उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ ,एस डी आर एफ और सिविल डिफेंस की टीमें मदद कार्य कर रही हैं। सेना अधिकारियों से जवानों के द्वारा भी संपर्क किया गया है और जरूरत पड़ने पर सेना की मदद ली जाएगी।
गहलोत ने कहा कि धौलपुर में भी चंबल नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और भरतपुर में अधिक बारिश के कारण के कुछ इलाकों में भी बाढ़ के हालात बन सकते हैं। भरतपुर एवं धौलपुर में भी प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है। गहलोत ने आमजन से अपील की है कि सावधानी बरतें एवं परेशानी होने पर तुरंत जिला प्रशासन को सूचित करें।
गौरतलब है कि प्रदेश के कोटा, बारां, करौली, टोंक, भीलवाड़ा, दौसा, सीकर, सवाई माधोपुर सहित विभिन्न जिलों में अतिवृष्टि के कारण जन-जीवन प्रभावित हो गया है। कई जगह कच्चे मकानो के गिरने की, तो कई स्थानों पर खेतों में पानी भर जाने की ख़बरें आ रही है।