फर्जी ड्रग इंस्पेक्टर गिरफ्तार, देसूरी पुलिस ने की कार्रवाई
मेडिकल दुकानदारों से की थी अवैध वसूली
हिंगलाज दान चारण
देसूरी । देसूरी पुलिस ने फर्जी ड्रग इंस्पेक्टर बनकर दवाइयां की दुकानों से अवैध वसूली करने का शातिर बदमाश गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।थानाधिकारी घेवरसिंह गुसांईवाल ने बताया कि सोमवार को नारलाई कस्बे की मेडिकल दुकानों पर धौंसपूर्वक अवैध वसूली की शिकायत मिली थी।जिस पर जिला पुलिस अधीक्षक कालूराम रावत के निर्देशन में टीम गठित कर पड़ताल शुरू की गई।पुलिस ने शातिर आरोपी सुरेन्द्र सिंह पुत्र लक्ष्मणसिंह जाति राजपूत, उम्र 30वर्ष निवासी सरपंच की ढाणी रुलाना, पुलिस थाना दातारामगढ़ जिला सीकर को टीम के अथक प्रयास व तकनीकी मदद से चंडावल कस्बे से सोमवार देर रात को गिरफ्तार किया है। आरोपी के खिलाफ अन्य पुलिसथाने में भी धोखाधड़ी के मामले दर्ज है।पुलिस फिलहाल अनुसन्धान कर रही है।जिसमे ओर भी राज सामने आने की उम्मीद है।पुलिस की गठित टीम में थानाधिकारी घेवरसिंह, कालूसिंह, ओटाराम, कल्याणसिंह, केसाराम, रामचन्द्र की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
सवाल-ड्रग इंस्पेक्टर का कार्ड कैसे बनाया?
नारलाई कस्बे के शनिश्चर मन्दिर के पास स्थित मेडिकल दुकानों पर आरोपी एक लग्जरी कार में सवार होकर आया था,गले ड्रग इंस्पेक्टर का कार्ड लटका हुआ था।जिसपर आरोपी के फोटो के नीचे सीएमएचओ के साइन किये हुए थे।दुकान पर आकर आरोपी ने मेडिकल व्यवसायी पर धौंस जमाया ओर,बोला-मैं ड्रग इंस्पेक्टर हूं,तुम क्या दवाइयां रखते हो,बेचते हो मुझे सब पता है,लाइसेंस रद्द करवा दूंगा।इस प्रकार से रुपये देने का दबाव बनाया व दराज में रखे 6 हजार लिए ओर कार में बैठकर बस स्टेण्ड की तरफ चला गया।इस दौरान एक ड्राइवर भी उसके साथ था।बाद में आरोपी ने इसी तरह बस स्टैंड पर फिर एक मेडिकल दुकानदार को डरा-धमका पर 3500 रुपये लेकर चला गया।इसी तरह से सोमेसर में भी धमकाने की जानकारी मिली है।उक्त घटनाओं ने उपयोग किया गया ड्रग इंस्पेक्टर का कार्ड कैसे बनाया गया व उस पर अंकित सीएमएचओ के हस्ताक्षर को लेकर पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है।