पंचायतीराज विभाग की योजनाओं की प्रभावी मॉनिटरिंग कर प्रगति बढ़ाएं – मुख्य सचिव
नागौर ।। शासन सचिवालय में मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संभागीय आयुक्त एवं जिला कलक्टर के साथ विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि जिला कलक्टर पंचायती राज विभाग की योजनाओं की स्वयं प्रभावी मॉनिटरिंग करें और प्रगति बढ़ाकर गांवों एवं ग्रामीणों के विकास को गति प्रदान करें। इस दौरान कलक्ट्रेट परिसर स्थित भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्र से जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी के साथ जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चौधरी, कृषि विभाग के उपनिदेशक शंकरराम बेड़ा, जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता जगदीशचंद्र व्यास सहित जिला स्तरीय अधिकारी वीसी में शामिल हुए।
मुख्य सचिव ने पंचायत समिति, ग्राम पंचायत एवं अम्बेडकर भवनों के निर्माण के लिए शीघ्र भूमि आवंटन के निर्देश भी दिए। उन्होंने केन्द्रीय वित्त आयोग की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की समीक्षा करते हुए व्यय बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गांवों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण अच्छा हुआ है, लेकिन इनकी सार्थकता तभी है जब वहां के लोग इनका समुचित उपयोग कर रहे हों। इसलिए सभी शौचालयों की उपयोगिता सुनिश्चित करें। मुख्य सचिव ने राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान, पंचायत भवनों के निर्माण-मरम्मत, कॉमन सर्विस सेंटर्स एवं राजीव गांधी जल संचय योजना की प्रगति तथा स्वास्थ्य केन्दों में भेजे गए ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर्स की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश प्रदान किए।
अपने जिले को भिक्षा वृत्ति मुक्त बनाएं
आर्य ने सभी जिला कलक्टर को अपने-अपने जिले को भिखारी एवं भिक्षा वृत्ति से मुक्त कर उनका पुनर्वास करने के निर्देश दिए। उन्होंने राजकीय आईटीआई भवनों के लिए प्राथमिकता से भूमि आवंटन के निर्देश भी दिए। साथ ही उन्होंने वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर सरकारी या किराये का भवन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए, ताकि इसी सत्र से यहां प्रशिक्षण कार्यक्रम चालू किए जा सके।
हर सरकारी आईटीआई में स्किल डवलपमेंट कोर्स शुरू करें
पंचायती राज विभाग की शासन सचिव मंजू राजपाल ने विभागीय योजनाओं के लक्ष्य एवं प्रगति का प्रस्तुतीकरण देते हुए कार्यों की गति बढ़ाने के निर्देश दिए। श्रम एवं नियोजन विभाग के शासन सचिव डॉ. नीरज कुमार पवन ने बताया कि पंचायत समिति स्तर तक स्किल कॉर्डिनेटर की नियुक्ति कर दी गई है, जो हर गांव के रोजगार के इच्छुक युवक-युवतियों का डेटा तैयार कर रहे हैं। उन्होंने सभी सरकारी आईटीआई में इस वर्ष कम से कम एक स्किल डवलपमेंट कोर्स शुरू करने और बेराजगारी भत्ता ले रहे युवक-युवतियों को अनिवार्य रूप से किसी स्किल सेंटर से जोड़ने के निर्देश दिए।