कोराना भड़भड़ी के चलते अधरझूल में लटकी कालेज छात्रों की परीक्षाएं

कोराना भड़भड़ी के चलते अधरझूल में लटकी कालेज छात्रों की परीक्षाएं

राजू चारण

बाड़मेर ।। कोरोना भड़भड़ी के नए वायरस की इन्ट्री और कॉलेजों में विद्यार्थियों के शत प्रतिशत वैक्सीनेशन नहीं होने की वजह से इस साल भी यूजी प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को प्रमोशन का तोहफा मिल सकता है। यूजीसी के नियमों के हिसाब से द्वितीय व अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षाएं कराने की योजनाएं बनाई जा रही है। मंत्रिमण्डल की बैठक में भी कॉलेज विद्यार्थियों की परीक्षाएं कराने को लेकर लगभग दस मिनट तक चर्चा हुई। लेकिन मुख्यमंत्री ने अभी इस मामले में कोई ठोस निर्णय नहीं किया है।

सूत्रों का कहना है कि बैठक के जरिए यह संकेत जरूर मिले है कि प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को प्रमोट किया जा सकता है। इधर, प्रदेश के विद्यार्थियों की ओर से वैक्सीनेशन होने के बाद ही परीक्षाओं का आयोजन करने की मांग उठाई जा रही है। सूत्रों की माने तो उच्च शिक्षा विभाग की ओर से यूजीसी की गाइडलाइन के हिसाब से निर्णय लेने की तैयारी की जा रही है। इस महीने आखिर तक राज्य सरकार की ओर से इस मुद्दे पर कोई निर्णय लिए जाने की संभावनाएं बनती दिखाई दे रही है।

सूत्रों की माने तो सरकार ने अभी तक दो प्रस्ताव तैयार किए है। पहले प्रस्ताव में बताया कि प्रथम वर्ष की परीक्षाएं नहीं कराई जाए। द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं दिसम्बर तक कराई जा सकती है। अंतिम वर्ष की परीक्षा जुलाई व अगस्त महीने तक कराने की योजना है। दूसरे फॉर्मूले में प्रथम वर्ष के साथ द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को भी प्रमोट करने की योजना है। ऐसा होता है तो सिर्फ अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षाएं होगी।

राज्य सरकार की ओर से अब लागू किए जाने वाले फॉर्मूले को यूजी व पीजी के साथ लॉ, बीएड सहित अन्य तकनीकी पाठ्यक्रमों पर लागू किया जाएगा। प्रदेश के 25 लाख से अधिक विद्यार्थियों को सरकार की अधिकृत घोषणा का इंतजार है।

प्रदेश के सरकारी व निजी स्कूलों में नया शिक्षा सत्र शुरू हो चुका है। लेकिन कॉलेज परीक्षाओं को लेकर अब तक कोई निर्णय नहीं होने की वजह से कॉलेज का शिक्षा सत्र बेपटरी हो रहा है। हालांकि जुलाई महीने में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से कक्षा बाहरवीं की अंकतालिका जारी किए जाने की संभावना है। यदि बारहवीं की विद्यार्थियों को अंकतालिका मिलती है तो प्रथम वर्ष में दाखिले की दौड़ शुरू होगी। जबकि हर साल जुलाई महीने में विधार्थियों की कक्षाएं लगाना शुरू हो जाता है।

राज्य सरकार की ओर से उच्च शिक्षा व तकनीकी पाठ्यक्रमों के परिणाम को लेकर एक उच्च स्तरीय समिति बनाई थी। इस समिति ने भी सरकार को रिपोर्ट दे दी है। कई विवि परीक्षाओं के लिए प्रश्न पत्र सहित अन्य सामग्री दूसरी लहर से पहले ही तैयार करा चुके। ऐसे में अब विश्वविद्यालयों के साथ कॉलेजों को सरकार की नई गाइडलाइन का इंतजार है।

यूजीसी व राज्य सरकार की ओर से ही परीक्षाओं के संबंध में निर्णय लिया जाना है। विवि की ओर से सभी स्तर की तैयारी पूरी है। परीक्षाओं की घोषणा होने के बाद नया शैक्षिक सत्र भी रफ्तार पकड़ेगा।

राज्य सरकार को प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को प्रमोट करना चाहिए। इससे कोरोना संक्रमण का खतरा नहीं रहेगा। शैक्षिक गुणवत्ता के हिसाब से अन्य विद्यार्थियों की परीक्षाएं ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड के आधार पर कराई जा सकती है। सरकार को जल्द इस मामले में निर्णय लेना चाहिए।

राज्य सरकार के परीक्षा या प्रमोट करने के निर्णय में हो रही देरी की वजह से विद्यार्थी पढ़ाई भी नहीं कर पा रहे हैं। इसके अलावा अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को बीएड सहित अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने की तैयारी करनी है। युवाओं का कहना है कि विभिन्न विभागों की ओर से इस महीने के आखिर तक भर्तियों की विज्ञप्ति भी निकलनी है। परीक्षा समय पर नहीं होने पर वे आवेदन से वंचित रह सकते हैं।

कॉलेज शिक्षा की परीक्षाओं का निर्णय अभी प्रक्रियाधीन है। जल्द ही कोई निर्णय लिया जाएगा।
भंवर सिंह भाटी, उच्च शिक्षा मंत्री राजस्थान

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