राज्य में लगातार अधिकारियों की वीसी आखिरकार डुबोकर रहेगी
राजू चारण
बाड़मेर ।। प्रदेश में आजकल जबरदस्त हाहाकार मचा हुआ है और छोटे बड़े कस्बों से लेकर शहरों में मौत अपना तांडव दिखा रही है । ऐसे में प्रदेश के अफसरशाही पूरी तरह लापरवाह होकर केवल खानापूर्ति करने में लगे हुए है । जनता-जनार्दन का कोई भी व्यक्ति, प्रतिनिधि अफसरों से बात करता है तो एक ही जवाब मिलता है कि साहब वीसी में व्यस्त है । राज्य के गृह सचिव अभय कुमार, चिकित्सा सचिव सिद्धार्थ महाजन से बात करना शायद आजकल सम्भव नही है। एक ही टेप हमेशा बजता रहता है-साहब वीसी में व्यस्त है ।
ये अफसरशाही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की छवि को पूरी तरह बिगाड़ने पर आमादा है । इन अफसरों की वजह से प्रदेश में दिन प्रतिदिन हालत तेजी से बिगड़ते जा रहे है । राज्य भर में मेडिकल विभाग का पूरी तरह बंटाधार हो चुका है । कोई भी सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा अधिकारी सूचना देने से घबराता है या फिर उसके पास सूचना का अभाव है । मेडीकल विभाग की बिगड़ती व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए रोहित कुमार सिंह जैसे सजग और दूरदर्शी अफसर की आज़ बहुत ज्यादा आवश्यकता है । इस हिसाब से अन्य अफसर केवल ड्यूटी के नाम पर खानापूर्ति कर रहे है ।
मुख्यमंत्री ने तत्काल हस्तक्षेप करते हुए तुरन्त निष्क्रिय और “टालू” अफसरों को हटाकर डॉ समित शर्मा जैसे अफसरों को राज्य में चिकित्सा व्यवस्थाओं के लिए नियुक्त नही किया तो मौत के मामले में राजस्थान देशभर में अव्वल हो जाएगा । जब लोग जीवित ही नही बचेंगे तो वीसीया करने का फायदा ही क्या ? अधिकारियों द्वारा वीसी करना बुरी बात नही है । लेकिन इस वीसी के चक्कर मे सारे मुख्य कार्य गौण हो जाते है । नतीजतन प्रदेश में अफसरों की उदासीनता और लापरवाही की वजह से मौत के आंकड़े पेट्रोल डीजल की तरह रोज नई-नई ऊंचाइयों को छू रहे है ।
अनौपचारिक बातचीत में एक अधिकारी ने स्वीकार किया कि रोज रोज की वीसी से कोई ठोस हल तो निकलता है नही, उलटे अफसर अपना बुनियादी कार्य नही कर पाते है । हमेशा की तरह वीसी में वही घिसीपिटी बाते होती है जो पहले भी हो चुकी होती है । सम्बन्धित अधिकारी को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वह ताजा आंकड़े वेबसाइट पर डाले । बहुत ज्यादा आवश्यक होने पर ही वीसी आयोजित करना चाहिए । जब जिलों में तैनात अफसरों को अस्पतालों का औचक निरीक्षण करना चाहिए उस वक्त वे वीसी की तैयारीयों में व्यस्त रहते है । अफसरों ने भी दबी जुबान से स्वीकार किया कि वीसी की वजह से मरीजों को काफी नुकसान कोराना भड़भड़ी के दौरान उठाना पड़ रहा है।