सरकार चिकित्सा व्यवस्थाओ को सुधारने में ओर कितना समय लगेगा

सरकार चिकित्सा व्यवस्थाओ को सुधारने में ओर कितना समय लगेगा
झोलाछाप डॉक्टरों के हवाले दूरदराज ग्रामीण इलाकों के मरीज़

राजू चारण

बाड़मेर ॥ बाड़मेर जिले के सभी छोटे बड़े कस्बों सहित आसपास के गांवों में झोलाछाप किराए की दुकानों में अनाधिकृत क्लिनिक खोलकर राज्य सरकार व प्रशासन के नियमों को किनारे रखकर कोराना गाइड लाइन के नियमों का उल्लंघन करते हुए प्रशासन को ठेंगा दिखाते हुए मरीजों का इलाज कर रहे हैं। क्षेत्र में कोरोना संक्रमित दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो जाने के बाद भी जिला प्रशासन व चिकित्सा विभाग इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। इससे इनके हौसले दिनों-दिन बुलन्द होते जा रहे हैं। दूर दराज के गांवों में झोलाछाप नीम हकीम अपनी मेडिकल दुकान, अनाधिकृत क्लिनिक व डायग्नोस्टिग सेंटर खोलकर थोड़े से लालच के लिए ही एक साथ अनेक मरीजों को भर्ती कर बिना जांच किए ही ड्रिप, इंजेक्शन व प्रतिबंधित दवाओं को देकर धड़ल्ले से इलाज कर रहे हैं।

वे ना तो खुद के परिवार की, ना ही मरीजों व क्लिनिक के आसपास रहने वाले लोगों के संक्रमण की चिंता कर रहे हैं। इस बारे में बाड़मेर मुख्य चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को पता होने के बाद भी आंखें मूंद कर बैठे हैं।

जानकारों ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में लोगों के खासी, जुकाम होने पर सरकारी अस्पताल में कोरोना जांच करने के भय से झोलाछाप से ही इलाज करा लेते हैं।जहा झोलेछाप नए नए प्रयोग कर मरीजों की बिना जांच-पड़ताल के ही दवाएं देकर कोरोना संक्रमण को बढ़ावा दे रहे हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में पॉजिटिव व मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। गत दिनों भी सिणधरी, सिवाणा कस्बों में जिला मुख्यालय की टीम ने एक दो झोलाछाप डॉक्टर की दुकान को सील करने की कार्रवाई की गई थी।

इस सम्बन्ध में ज्यादा जानकारी लेने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बाबूलाल विश्नोई को फोन किया था लेकिन आजकल साहब जिले की चिकित्सा व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए ज्यादातर व्यवस्त रहते हैं।

इस बारे में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और कोराना के दौरान चिकित्सा व्यवस्था प्रभारी मोहन दान रतनू ने बताया कि झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी अधिकृत किया गया है। लेबोरेट्री संचालकों ओर डायग्नोस्टिक सेन्टर वाले भी कहीं पर इलाज के नाम पर कोराना जांच-पड़ताल कर रहे हैं तो वह गलत है। जांच कर उन पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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