वेक्सीन टीकाकरण कार्यक्रम में भी आजकल लागू होता है आरक्षण
राजू चारण
बाड़मेर ।। कोरोना संकट काल में प्रदेश के सभी जिलों में बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन का काम चल रहा है। खुद को सुरक्षा चक्र के दायरे में लेने के मकसद से लोग वैक्सीनेशन केंद्रों और चिकित्सा विभाग द्वारा चिन्हित विभिन्न जगहों पर लगाए जा रहे शिविर में जनता जनार्दन पहुंच रहे हैं। कुछ जगहों पर तो नौबत ये आई हुई है कि वैक्सीनेशन केंद्रों पर वैक्सीन लगवाने के लिए लंबी-लंबी कतारें लगने लगी हैं।
जिला मुख्यालय के कुछ जगहों पर तो द्वितीय चरण के टीकाकरण करवाने के लिए सेंटरों पर आने वाले लोगों को सरकारी अस्पताल में जाकर लगवाने का कहां जाता है यहां पर केवल प्रथम चरण का टीकाकरण होने से मारामारी सी स्थिति दिखने लगी है, जहां लोगों को अपनी बारी आने के लिए घंटों इंतजार तक करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ नाम नहीं छापने पर लोगों ने बताया की चिकित्सा विभाग के अधिकारियों द्वारा वीवीआइपी लोगों के घर पर जाकर वैक्सीन लगाई जा रही है। इनमें कुछ राजनेता , अधिकारियों और कर्मचारियों और उनके परिवार के लोग शामिल हैं, जिनके घरों में वैक्सीन की होम डिलीवरी का काम चिकित्सा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा हो रहा है। स्वास्थ्यकर्मी इन जनप्रतिनिधियों को वैक्सीन लगाने के लिए इनके घर तक पहुंच रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ नगर परिषद कार्यालय में आज़ टीकाकरण कार्यक्रम के दौरान डॉ रचना भाटी, टीम प्रभारी सवाई सिंह भाटी, नर्सिंग आफिसर, नर्सिंग स्टाफ सुमित्रा ओर विपुल आपरेटर ने टीकाकरण करवाने आने वाले लोगों को टीकाकरण के साथ ही सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने के साथ ही मास्क जरूर पहनें,इसकी विशेष रूप से हिदायत दी गई ।
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क़लम की “ताकत से तलवारी की ”
“हमनें कब हुशियारी की ।
नागों से कब यारी की ।
सत्ता के कब तलवे चाटे ।
गिद्धो संग गुजारी की ।।”
“मन में आया,जो मन भाया ,
हमनें वो बेबाक कहा ।
पाषाणों को कभी न पूजा,
मुल्क की हमेशा पहरेदारी की ।।”
नफरत के इस दावानल में,
मानवता चकनाचूर हुई ।
माटी की खुशबू को पकङा ,
हवा नहीं हत्यारी की ।।”
“अखबारों में वो आग नहीं है,
मरा मीडीया चांदी पर ।
किसने सत्ता का सच उगला ,
किसनें चोट करारी की ।।”
“भगवा धार हुवे मठधारी ,
चेला-चेली रास रमें ।
न्यायालय नें उनको नापा ,
जोर सजाऐं जारी की ।।”
“अंधे विश्वासों की आंधी ,
देश कहीं ना ले डूबे ।
पाखंडो के चक्कर पङ कर ,
भूलें हम नें भारी की ।।”
“जिसको हमनें सदा सहेजा ,
स्वर्ग कहा सम्मान दिया ।
आग उसी नें हर पल उगली ,
भारत से गद्दारी की ।।”
“खुद को तेज बनाया हमने ,
मुख औरो का क्यूं देखें ।
शक्ति बिन जब शिव भी शव हैं ,
ताकत को तलवारी की ।।”
“सत्ता के लालच में अंधे ,
बंदे जो कुछ बोल रहे ।
लख ही उनकों लानत भेजी ,
“राजू” भौले ने कहां उधारी की ।।”