राज्य सरकार के आदेश लोहे की लकीर के बाद भी भूले रहे बैंक अधिकारी
फिर भी बैंकों के बाहर भीड़, कर्मचारी से लेकर अधिकारी को नहीं पड़ रहा है कोई फर्क
कमल किशोर तंवर
खींवसर ।। प्रदेश की गहलोत सरकार ने भले ही कोरोना संक्रमित जैसी महामारी बीमारी की चेन तोड़ने के लिए संपूर्ण लोक डाउन जैसे कदम उठाए थे। जिसके कारण से गांवों में कोरोना संक्रमित बीमारी की चेन टूट जाए।
तथा लोगों की जान बच जाए। हालांकि अभी तक गांवों में पूर्ण रूप से चैन नहीं टूटी है फिर भी लोगों को सावधान रहना होगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संपूर्ण लोक डाउन को 8 जून तक बढ़ाने का आदेश जारी किया है। राज्य सरकार के आदेश लोहे के लकीर माने जाते हैं,फिर भी सरकारी बैंकों में कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक सरकारी गाइडलाइन की खुलेआम अवेहलना कर रहे है। हम बात कर रहे हैं खींवसर उपखंड मुख्यालय शहर की। जहां सोमवार सुबह एसबीआई बैंक के बाहर अनियंत्रित होकर लोग एकत्रित होना, पूरी तरह से सोशल डिस्टेंस के नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। बैंक में लगे कर्मचारी से लेकर अधिकारी ने भी इनको रोकने का प्रयास तक नहीं किया। बैंकों के बाहर लोग रुपए लेने के लिए सोशल डिस्टेंस नियम भूल रहे हैं। बैंक में कर्मचारी से लेकर अधिकारी भी राज्य सरकार के नियमों की परवाह नहीं करते हुए बाहर एकत्रित लोगों को समझाना तो दूर की बात है सरकार की गाइडलाइन की अवहेलना करना दूर नहीं रहते हैं।यह शायद भूल रहे हैं कि पूरी तरह से कोरोना संक्रमित जैसी बीमारी से छुटकारा मिल गया है।
भले ही क्षेत्र के गांवों में कोरोना पॉजिटिव के आंकड़े का ग्राफ घटा है। सरकारी हॉस्पिटल में कोरोना मरीज नहीं आने से डॉक्टरों ने राहत की सांस ली है। हालांकि,बैंकों के बाहर ग्रामीण इलाकों के लोगों की भीड़ पर नियंत्रण समय रहते नहीं किया जाए तब कोरोना जैसी महामारी की चेन तोड़ना आसान नहीं होगा। बैंक कर्मचारियों व अधिकारियों की लापरवाही से कोरोना जैसी महामारी के आंकड़े बढ़ सकते हैं। जिसके जिम्मेदार संबंधित विभाग के अधिकारी होगें।