बाड़मेर : कोराना भड़भड़ी जांच करने के लिए रेपिड एंटीजन टेस्ट हुआ शुरू
राजू चारण
Barmer ।। बाड़मेर जिला मुख्यालय पर आज-कल आमजन के लिए कोराना भड़भड़ी की जांच-पड़ताल का परिणाम हाथों-हाथ देने वाली नयी तकनीक का उपयोग किया जाता है। टाऊन हॉल परिसर में लेब टेक्नीशियन बिहारी लाल दर्जी ने पिछले दो साल में लगभग डेढ़ लाख से अधिक लोगों की कोराना जांच-पड़ताल करने के नमूने इकट्ठे किए हैं। पहले आर टी पी सी आर जांच का परिणाम जोधपुर मेडिकल कॉलेज में जारी होता था और आजकल मेडिकल कॉलेज बाड़मेर में ही यह सुविधा उपलब्ध है।
इस सम्बन्ध में कोराना वारियर्स प्रेम सिंह निर्मोही लेब टेक्नीशियन ने बताया कि मेरे द्वारा लगभग दो लाख लोगों के कोराना भड़भड़ी शुरू होने से लेकर आज तक नमूने इकट्ठे किए गए हैं। शुरुआत के समय तो घरवालों को भी डर लगता था और नमूनों को इकट्ठा करने के पश्चात जोधपुर मेडिकल कॉलेज में जमा करवाने के लिए भी दिनभर जगह जगह से लेकर रात्रि में एम्बुलेंस द्वारा जोधपुर आने-जाने की मेहनत करने के कारण आज-कल हमारे यहां पर हालात अच्छे हैं।
निर्मोही बताते हैं कि शुरुआती दौर में घर परिवार और गांव ग्वाड़ में आने जाने के दौरान विशेष सावधानी बरतनी पड़ती थी, लेकिन धीरे-धीरे आदतों में शामिल होने के कारण आज-कल अपने आप को कोराना भड़भड़ी से आमजन को निजात दिलाने में लगे हुए हैं।
इस दौरान बाड़मेर जिले के संजय आचार्य,महेंद्र मेघवाल, सुरेंद्र सिंह ,सुनील शर्मा, रेवंत सिंह खोखर, तगाराम घाट ,शेषराज महला , नवीन कुमार शर्मा, रवि कुमार छंगानी ओर अन्य स्टाफ के सदस्यों ने सहयोग दिया।
डॉ दिनेश कुमार सौलकी ने बताया कि रैपिड एंटीजन टेस्ट बीस मिनट में कोरोना की जांच करता है और आरटी-पीसीआर कोराना भड़भड़ी की रिपोर्ट बारह घंटे में बताता है कि मरीज पॉजिटिव है या नहीं। ओर एंटीबॉडी टेस्ट से कोरोना वायरस की मौजूदगी का सीधा पता नहीं चलता, यह बताता है व्यक्ति को कभी इंफेक्शन हो चुका है। रैपिड एंटीजन टेस्ट से अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो इसकी विश्वसनीयता लगभग सौ प्रतिशत है।
इसकी एक वजह यह भी है कि देश में जांच का दायरा बढ़ रहा है। कोविड-19 की जांच के लिए इन दिनों कई तरह के टेस्ट किए जा रहे हैं। लेकिन ज्यादातर लोग इन जांच में फर्क नहीं समझ पा रहे हैं। जैसे आरटी- पीसीआर, रैपिड एंटीजन टेस्ट और ट्रू नेट टेस्ट में क्या अंतर यह कैसे समझें। जानिए कोरोना की कौन सी जांच कब कराएं…
आरटी- पीसीआर टेस्ट क्या है : कोरोना वायरस की जांच का तरीका है। इसमें वायरस के आरएनए की जांच की जाती है। आरएनए वायरस का जेनेटिक मटीरियल है।
तरीका क्या है : नाक एवं गले के तालू से स्वैब लिया जाता है। ये टेस्ट लैब में ही किए जाते हैं।
रिजल्ट आने में कितना समय लगता है : बारह से सौलह घंटे
एक्यूरेसी कितनी है : टेस्टिंग की इस पद्धति की विश्वसनीयता लगभग साठ प्रतिशत है। कोरोना संक्रमण के बाद भी टेस्ट निगेटिव आ सकता है। मरीज को लक्षणिक रूप से भी देखा जाना जरूरी है।
रैपिड एंटीजन टेस्ट (रैट) क्या है : कोरोना संक्रमण के वायरस की जांच की जाती है।
तरीका क्या है : नाक से स्वैब लिया जाता है। वायरस में पाए जाने वाले एंटीजन का पता चलता है।
रिजल्ट आने में कितना समय लगता है : बीस मिनट
एक्यूरेसी कितनी है : अगर टेस्ट पॉजिटिव है तो इसकी विश्वसनीयता लगभग सौ प्रतिशत है। मगर तीस चालीस मामलों में यह निगेटिव रह सकता है। उस स्थिति में मरीजों का आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जा सकता है।