बाड़मेर आते ही अस्पताल अधिकारियों पर जमकर बरसे कलेक्टर
तरूणमित्र राजू चारण
बाड़मेर ।। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा कोराना भड़भड़ी से आमजन को राहत कैसे मिलेगी इस सम्बन्ध में ज्यादा रूचि रखने वाले युवा जोशिला जज्बा और सरकारी दिशा-निर्देशों को धरातल पर उतारने के लिए सबसे पहले ज़िला कलेक्टर लोक बंधु यादव ने मुख्यालय के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल का औचक निरीक्षण किया वहां पर चमचमाती हुई प्रशासनिक विंग में जिला कलेक्टर को बिठाकर कार्यकुशलताओ की जानकारियां दी गई लेकिन जैसे ही जिला कलेक्टर बाहर निकले आमजन द्वारा कलेक्टर के सामने ही मरीजों की मिन्नतें करते हुए अस्पताल प्रशासन की लापरवाहियों का पिटारा खोलने वाले मरीज ओर उनके रिश्तेदार धड़ाधड़ शुरू हो गए।
कलेक्टर द्वारा लोगों की समस्याओं को धीर गम्भीर सुनने के बाद उन्होंने तुरंत निराकरण करने का अस्पताल प्रशासन अधिकारियों निर्देश दिया गया और अस्पताल परिसर में ही मरीजों की बेड नहीं मिलने की समस्याओं का समाधान करते हुए वैकल्पिक व्यवस्था के लिए महिला छात्रावास की दीवार तोड़कर अस्पताल के साथ ही सित्तर से सौ बैंड का ओर विस्तार किया जाएगा। ताकि मरीजों को इधर उधर भटकना नहीं पड़ेगा।
बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन कोराना भड़भड़ी के कारण दिन प्रतिदिन सरकारी अस्पताल में मरीजों की खैर खबर लेते रहते हैं, ओर कमी पेशी मिलने पर सुधार लाने की हरसंभव प्रयास करते हैं लेकिन सरकारी अधिकारियों की ढुल मुल निती ओर आपसी सामंजस्य का अभाव ही हमारे अस्पताल को खौखला करने में लगा है। अगर सही तरीके से मोनिटरिंग नहीं किया गया तो फिर राजस्थान में सबसे ज्यादा बाड़मेर जिले की जनता को ही इलाज करवाने में परेशान होना पड़ेगा।
अस्पताल परिसर से ही स्थित पुरानी बिल्डिंग में मरीजों के लिए सभी वार्डों में भीड़ भाड़ का माहौल देखकर नहीं लगता है कि बाड़मेर जिले में कोराना भड़भड़ी जल्दी ही चली जाएगी। कहीं पर आक्सीजन सिलेंडर के लिए जी हूजरी, कहीं पर मरीजों को भर्ती करवाने के लिए सिफारिश, ओर वार्ड में नियुक्त कोराना वारियर्स की मजबूरी तो उनकी आंखों से झलकती हुईं साफ दिखाई दे रही है। हजारों शब्दों का एक ही जवाब हैं भाई साहब जैसे तैसे जीवन यापन करने में लगे हुए हैं,घर परिवार के लोगों को कभी भी कोराना भड़भड़ी की चपेट में आने की संभावना है।
नाम ना छापने की शर्त पर कोराना वारियर्स ने बताया कि पिछले कोराना भड़भड़ी के दौरान जो सुविधाएं सरकार और जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई थी इस बार कोई ख़ास बात नहीं है।ना तो खाना समय पर ओर ना सोना समय पर, बाहर से जिला मुख्यालय पर कोवीड के दौरान लगाएं गए नर्सिंग स्टाफ ने तो हाथ जोड़कर अपने दुखदायक पीड़ा बताई।
अस्पताल परिसर में मिलें एक मरीज ने बताया कि
नये आएं कलेक्टर यादव साहब को बाड़मेर जिले की जनता औचक निरीक्षण बगैर सरकारी लवाजमे के करना होगा तभी हकीकत से रूबरू होंगे अन्यथा लाव भी तुम्हारे होंगे ओर लश्कर भी तुम्हारा…..