दुधारू एवं नवजात पशुओं को लू से बचाने के लिए करें उचित देखभाल
भीषण गर्मी से बचाव एवं बेहतर आहार प्रबंधन करके बढ़ाएं दूध उत्पादन
नरोत्तम जारोङियां
Merta City ।। कोरोना महामारी की दूसरी लहर में जनजीवन पर भी गहरा प्रभाव पड़ रहा है। यह समय किसान परिवारों के लिए अनेक चुनौतियां लेकर आया है। ऐसे में कृषि और पशुपालन कार्यों में किसानों को सजगता रखने की जरूरत है। कुरङायां पशु चिकित्सक रामावतार सियाग ने बताया कि जिस प्रकार कोरोनावायरस से बचाव और सावधानी के साथ सामना करना है उसी प्रकार हमारे पशुओं का भी गर्मी के इस मौसम में बचाव और सावधानियां के साथ विशेष ख्याल रखने की आवश्यकता है। क्योंकि गर्मी के मौसम में पशुओं के बीमार होने की आशंका बढ़ जाती है। पशुओं को लू से बचाने और उचित आहार प्रबंधन के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। ताकि दुधारू एवं पशुओं की सही देखभाल की जा सके।
लू से पशुओं को बचाने के लिए कुछ सावधानियां
कुरङायां कृषि पर्यवेक्षक पिंकी चौधरी ने बताया कि पशुशाला को इस प्रकार बनाइए कि सभी जानवर के लिए उचित स्थान हो, ताकि हवा आने जाने में जगह मिले। तेज धूप और लू से पशुओं को बचाने के लिए मुख्यद्वार पर खस या जूट के बोरे का पर्दा लटकाना चाहिए। उनके आवास में पंखे ,कूलर और फव्वारा सिस्टम भी लगा सकते हैं। समय-समय पर पशुओं को पानी पिलाये समय-समय पर पानी पिलाने से डिहाइड्रेशन की समस्या नहीं होती है। ज्यादा गर्मी लगने से पशुओं में गर्भपात की समस्या आ सकती हैं। भेंसो को गर्मी में तीन बार गायों को दिन में दो बार ने नहलाना चाहिए।
दूध देने वाले पशुओं को खिलाने योग्य पदार्थ
फालकी पशु कम्पाउन्डर महेंद्र पारासरिया ने बताया कि कार्बोहाइड्रेट की अधिकता वाले खाद्य पदार्थ पशुओं को नहीं खिलाना चाहिए। पशुओं को संतुलित आहार में दाना एवं चारे का अनुपात 50 से 60 रखना चाहिए। पशुओं को तेल युक्त खाद्य पदार्थ जैसे सरसों व सोयाबीन की खली खिलाना चाहिए।
टीकाकरण करवाइए ताकि बरसात में ने हो रोग
कुरङायां पशु चिकित्सक रामावतार सियाग ने बताया कि पशुओं को खुरपका , मुंहपका, गलाघोटू आधी बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण करवाना चाहिए। जिससे वे बरसात के मौसम में इन बीमारियों से बचे रहें । दुधारू पशुओं को दाने के रूप में प्रोटीन देना चाहिए। लू की चपेट में आने पर पशुओं को तुरंत चिकित्सक को दिखाए।