कोयले की दलाली में सबके हाथ काले होने की गुंजाइश
राजू चारण
बाड़मेर ।। कोयले की कमी से गहराए बिजली संकट के बीच शनिवार को कालीसिंध तापीय विद्युतघर की 600 मेगावाट उत्पादन क्षमता की बंद इकाई में उत्पादन शुरू हुआ। वहीं ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने केन्द्रीय कोल सचिव अनिल जैन से बात की और परसा ईस्ट व कांता बासन कोल ब्लॉक से कोयले की अधिक आपूर्ति को लेकर चर्चा की।
अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य के कोल ब्लॉक्स से पिछले दिनों की तुलना में कोयले की करीब ढाई रेक अधिक डिस्पेच हुई है, जो कल तक पहुंचने की संभावनाएं है। कोल ब्लॉक में इससे पहले सात से साढ़े सात रेक कोयला आ रहा था। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार के कोयला सचिव अनिल जैन से फोन पर बात की गई है। इसमें विद्युत उत्पादन निगम और अडानी के संयुक्त उपक्रम परसा ईस्ट व कांता बासन कोल ब्लॉक से कोयले की अधिक आपूर्ति के लिए सहमति हो गई है, जिससे आने वाले दिनों में इन ब्लॉकों से अधिक कोयला मिलने लगेगा। उन्होंने बताया कि शटडाउन या अन्य कारणों से बंद इकाइयों में भी शीध्र ही उत्पादन शुरू करवाया जा रहा है।
एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य के विद्युत परियोजनाओं के लिए कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के उच्च स्तर पर प्रयास जारी है। सरकार की ओर से एसपी अग्रवाल को बिलासपुर भेजा गया है। इससे पहले अनूप चतुर्वेदी एक्सईएन को एनसीएल सिंगरोली और जीएस मीणा एक्सईएन को एसईसीएल बिलासपुर भेजा गया है ताकि वहां से कोयले की आपूर्ति के लिए समन्वय बनाकर कोयले की रेक रवानगी करा सके।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि विभाग द्वारा रोस्टर के आधार पर ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में विद्युत कटौती की जा रही है। उन्होंने बताया कि शनिवार को प्रदेश में ओसत 10267 मेगावाट व अधिकतम 12650 मेगावाट बिजली की मांग रही। राज्य में 8657 मेगावाट की उपलब्धता रही।
अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. अग्रवाल ने विद्युत भवन में बिजली निगमों के उच्च अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने बिना आवश्यकता के बिजली उपकरणों के उपयोग नहीं करने, आवश्यकता नहीं होने पर तत्काल बिजली के स्विच बंद करने और अधिक विद्युत खर्च वाले एयर कण्डीसनर आदि के उपयोग नहीं करने की अपील की है। बैठक में सीएमडी उत्पादन निगम आरके शर्मा, एमडी जयपुर डिस्काम नवीन अरोड़ा, उर्जा विकास निगम के मुख्य अभियंता मुकेश बंसल व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
सूत्रों का कहना है कि कोयले की कमी से गहराए बिजली संकट के बीच गांवों में घोषित 4 घंटे से भी ज्यादा बिजली कटौती हो रही है, कई घंटों तक अघोषित कटौती की जा रही है। कई गांवों में 5 से 7 घंटे बिजली कटौती की सूचना मिल रही है। कुछ कस्बों में भी अघोषित कटौती की जा रही है।
कस्बों में बिजली की अघोषित कटौती से कस्बों में उद्योग धंधों पर भी असर पड़ने लगा है। बिजली की अघोषित कटौती से दिपावली की त्योंहार पर बजारो में व्यापारी परेशान होने लगे है। त्योहारी सीजन के बीच में ही बिजली कटौती ने लोगों की चिंताएं बढ़ा दी है।