आखिर क्यों नहीं है हमारी सरकारों को पत्रकारों की चिंता : राजू चारण
पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों को आयुष्मान योजना का लाभ देने के लिए भेजा गया प्रधानमंत्री को पत्र
बाड़मेर ।। देश में कोरोना महामारी का दौर चल रहा है। ऐसे मे हमारे पत्रकार साथी भी इससे अछूते नहीं है। अब तक देशभर के हजारों पत्रकार साथी कोराना भड़भड़ी की चपेट में आ चुके है और सैकड़ो पत्रकार साथी अब तक अपनी जान भी इस दौरान गवां चुके है। जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंड़िया बाड़मेर के वरिष्ठ पत्रकार राजू चारण ने केन्द्र सरकार के साथ साथ राज्य सरकारों से भी छोटे बड़े कस्बों में पत्रकारिता करने वालों से लेकर देशभर के पत्रकारों को कोरोना वारियर्स और उनको प्राथमिकताओं के आधार पर वैक्सीन लगाने का अनुरोध किया था जिसे कुछ राज्य सरकारों ने माना भी लेकिन कहीं कहीं पर राज्य सरकारें इसे गंभीरता से नहीं ले रही है।
संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने इस दौरान वेबनार पर कहा कि हालांकि पत्रकारों को कोरोना वारियर्स का दर्जा और पत्रकारों के वैक्सीनेशन की कुछ राज्य सरकारों ने घोषणा की है वह काबिले तारीफ है। मुख्यत पंजाब ,हरियाणा ,उड़ीसा, पश्चिम बंगाल,राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार , झारखंड और उत्तर प्रदेश शामिल है लेकिन हकीकत में यह अभी कोरी घोषणाएं ही है और जमीनी स्तर पर यह कैसे लागू होगी इसको लेकर कोई भी रूपरेखा अभी तक सामने नहीं आई है।
संगठन के अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने कहा कि राज्य सरकारों द्वारा जो भी पत्रकारों के लिए घोषणाएं की जाती है उसमें केवल सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अधिस्वीकृत पत्रकारों को ही शामिल किया जाता है। क्या देशभर के श्रमजीवी पत्रकार ,ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े पत्रकार, डिजिटल मीडिया से जुड़े पत्रकार सरकारों की नजर में शायद पत्रकार ही नहीं हैं। जब भी कोई खास कार्यक्रम होता है तो सबसे पहले इन्हीं छोटे बड़े कस्बों के पत्रकारों को कार्यक्रम की शानदार कवरेज करने के लिए समय-समय पर पहचान पत्र ओर अन्य सुविधाओं को जारी किया जाता है,उस समय तो सिर्फ और सिर्फ कार्यक्रम को सफल बनाने की कोशिश करते हैं और जब पत्रकारों के हितार्थ कोई जरूरत होती है तो फिर कोई भी संगठन आगे नहीं आता है। केवल अपना उल्लू सीधा करने के लिए कहीं कहीं पर संगठनों के झंडे जरूर दिखाई देते होंगे। साहब फलां संगठन के अध्यक्ष हैं ध्यान रखें अन्यथा फिर हमारे संगठन के सभी पत्रकार इकठ्ठा होकर आपके खिलाफ बिगुल बजा देंगे।
जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंड़िया सभी राज्य सरकारों से आग्रह करती है कि वह सभी पत्रकारों को एक समान रूप से देंखे । सभी पत्रकार अपने पत्रकारिता धर्म के कर्तव्य का ईमानदारी से पालन करते है और महामारी के इस दौर में भी अपने काम को बखूबी अंजाम दे रहें है।वर्तमान समय में जब कोरोना महामारी अपने चरम पर है इन हालातों में भी सामाजिक सरोकारों तथा सार्वजनिक हित से जुड़कर पत्रकारिता को सार्थक बनाते है हमारे ही पत्रकार साथी। सामाजिक सरोकारों को व्यवस्थाओं की दहलीज तक पहुँचाने और प्रशासन की जनहितकारी नीतियों व योजनाओं को समाज के सबसे निचले तबके तक ले जाने के दायित्व का निर्वाह करना ही सार्थक पत्रकारिता है।इसी के साथ जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंड़िया ने सभी पत्रकारों को भारत सरकार की आयुष्मान योजना का लाभ देने के लिए पुन: प्रधानमंत्री से आग्रह किया है। इस संदर्भ में एक पत्र भी प्रधानमंत्री कार्यालय को संगठन की ओर से भेजा गया है।
हमारे देश में पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है। पत्रकारिता को लोकतंत्र में यह महत्त्वपूर्ण स्थान स्वंम हासिल नहीं हुआ है बल्कि सामाजिक सरोकारों के प्रति पत्रकारिता के दायित्वों के महत्त्व को देखते हुए ही इसे चौथे स्तंभ का दर्जा दिया गया है। लेकिन वर्तमान समय में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के सिपाहियों को ही अक्सर नजरअंदाज किया जा रहा है, जो की निंदनीय बात है।