राजा के भी कान कच्चे, फिर कौन होगा दुनिया में सच्चा

राजा के भी कान कच्चे, फिर कौन होगा दुनिया में सच्चा

राजू चारण 

बाड़मेर ॥ पिछले कई दिनों की उठा-पटक के बाद खरी खोटी लिखने का मन कर रहा है.. लिखना मौजूदा हालात को देखते हुए बेहद जरूरी हो गया…क्योंकि मामला दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर बदनुमा दाग लगने और हमारी आपकी आजादी से जुड़ा हुआ जो है… आप और हम अपनों से मोबाइलों पर घर परिवार के साथ बेडरूम व फोन पर दिनभर चिपके हुए क्या-क्या बातें करते हैं… यह सब कुछ मित्र देश इजरायल की NSO कंपनी के तैयार किए गए एक पेगासस स्पायवेयर सॉफ्टवेयर से आसानी से देखा-सुना जा सकता है…हिंदुस्तान का लोकतंत्र जो अपनी आजादी की अभिव्यक्ति के लिए आमजन में मशहूर है… पर आपकी भी आजादी पर खुलेआम अतिक्रमण हो रहा है… शर्मनाक बात देखिये जिनके जिम्मे लोकतंत्र की रक्षा करना है, वो ही उसकी आबरू का खुलेआम चीरहरण कर रहे थे…यहां तक की देश में लोकतंत्र के चारों स्तंभ विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और मीडिया तक को नहीं बख्शा गया …सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन सीजे आई,चुनाव आयुक्त अशोक लवासा, तीन चार दर्जन पत्रकार, मौजूदा सरकार मोदी जी खुद के ही मंत्री संत्री और विपक्ष के नेताओं तक की 2017 से लेकर 2019 तक टोटल 300 लोगों की जन्मकुंडली खंगालने में जासूसी की गई…यहां तक कि भाजपा की महिला नेता पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और केन्द्रीय नेतृत्व में शामिल स्मृति ईरानी तक का फोन भी नहीं बख्शा…अभी यह आंकड़ा आगे ओर बढेगा, टोटल कितने लोगों की जासूसी की गई यह कहना बड़. मुश्किल है..इंडियन टेलीग्राफ और आईटी एक्ट के तहत ऐसा करना सरासर अपराध है… सॉफ्टवेयर के जरिए फोन टेप ही नहीं बल्कि हैकर्स ने हैक कर लोगों की निजता को लील गया …आपकी मधुर आवाज, आपके व्यक्तिगत मैसेज, व्हाट्सएप या अन्य एप के तमाम वार्तालाप को आराम सेेआपके द्वारा सुना-देखा जा रहा था…हैकर्स को बस एक मैसेज आपके मोबाइल पर भेजना होता है सिर्फ…उसे क्लिक करते ही आपके मोबाइल का सारा डेटा पलभर मेंंछू होकर हैकर्स के पास चला जाएगा…सिर्फ आपके मोबाइल ही नहीं कंप्यूटर, आईफोन, कैमरा सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी इससे हैक होते हैं…अब
चुनाव आयोग क्या करेगा, विपक्ष का नेता क्या-क्या प्लान कर रहा है, पत्रकारिता करने वाले महानुभावों द्वारा दिनभर क्या-क्या न्यूज़ लिखेंगे और हमारे देश में मौजूद अदालत में जज क्या फैसला सुनाएगा… इन सब पर पहले से ही जासूसी के जरिए निगरानी हो रही है, तो फिर काहे की डेमोक्रेसी बची हुई है हमारे देश में… EVM हैक करने का शक तो पिछले एक दशक से इस हिसाब से अब मामूली सी बात हो गई है जनाब… सरकार ने सॉफ्टवेयर इस्तेमाल से बिल्कुल इन्कार नहीं किया है… सिर्फ जासूसी नहीं करने का खंडन किया है… सरकार इससे मना नहीं कर सकती थी क्योंकि इजरायली कंपनी सिर्फ किसी देश की सरकार और सरकारी कंपनीयों को हो यह सॉफ्टवेयर उपलब्ध या फिर बेचती है…एमेनेस्टी संस्था व एक फ्रेंच कंपनी ने एक दो दर्जन देशों के मीडिया संस्थानों के साथ यह डेटा रिपोर्ट शेयर की है… भारत में सबसे बड़ नेता अमित शाह के बेटे जयेश शाह के सहकारी बैंक के शेयर खरीद वाली दमदार न्यूज़ ब्रेक करने वाले न्यूज़ पोर्टल द वायर के साथ डेटा शेयर किए… तीन चार दर्जन पत्रकारों में सिर्फ एक टीवी पत्रकार का नाम आया है अभी तक…क्योंकि जासूसी करवाने वाले टीवी मीडिया को “अपने तो अपने होते हैं” कि हैसियत जितना मानते हैं… जब सब जासूसी के जरिए पहले ही मालूमात कर लिया जाता है तो फिर हमारे संविधान की क्या जरूरत रह गई…हालांकि गुजरात राज्य से ही जासूसी का शौक जो पुराना है… इसलिए यह बिल्कुल गलत है साहेब सिर्फ मन की बात करते हैं, वो मन की बात आजकल सुनते भी हैं… यह अलग बात है लोगों के दिलों की बात वो सिर्फ चोरी चोरी-चुपके चुपके सुनते हैं…अरे ऐसा तो आजादी से पहले राजा-महाराजाओं के जमाने में होता था…राजा अपना राज बचाने के लिए ऐसी साजिश करता रहता था…अब आपका हमारा वोट देना भी एक मजाक बनकर रह गया हैं… क्या यह एक लोकतांत्रिक देश के लिए अच्छे संकेत हैं… प्रजा को मौजूदा हालात में जहां सिर्फ कठपुतली समझा जाता है… फिर ईराक-सीरिया कैसे बनते हैं, शायद ऐसे ही बनते है… आप अब भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा होने के झूठे संसार में जीते रहो…महंगाई तो आगे ओर बढ़ेगी क्योंकि सरकार आपके टैक्स से जासूसी करने वाले सॉफ्टवेयर जो खरीद रही है…वो भी निजता वाली जासूसी और फिर उसको सुनने में ही बिजी हैं, आपकी बात सुनने के लिए कहां वक्त है उनके पास….आप बस आईटी सेल के मैसेजों को फारवर्ड करते रहिए और उस पर ही आंख बंद करके भरोसा करते रहिए…अब इस शर्मनाक जासूसी कांड की जांच तो होनी नहीं है, हमारे बुजुर्गों ने कहा था कि बिल्ली जो दूध की निगरानी कर रही है तो फिर दूध बच्चे क्या पिएंगे .. किसान आंदोलन, GST और अन्य मुद्दों की तरह इसे भी समय-समय पर दफना दिया जाएगा…फिर धर्म से जुड़ा एक प्लांट मसला परोसा जाएगा आपको और आप इस जासूसी कांड को भूल जाओगे,या भुलवा दिया जाएगा… यही तो हो रहा है देश में अब…देश को बदनाम करने के दावे में कोई दम नहीं, क्योंकि अकेले भारत में नहीं एक दर्जन मुल्कों की डेढ़ दर्जन मीडिया संस्थान के सात आठ दर्जन पत्रकारों ने पहले खोजबीन करते हुए तथ्य जुटाए फिर यह न्यूज़ आमजन के बीच चलाई है.. हरी करें सो खरी

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